मास्को। रूस ने यूक्रेन में नाटो शांति सैनिकों की संभावित तैनाती को खारिज कर दिया है, तथा संभावित शांति समझौते की निगरानी के लिए निहत्थे पर्यवेक्षकों या नागरिक निगरानी समूह को वहां भेजने का सुझाव दिया है।
रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को ने रविवार को रूसी दैनिक इज़वेस्टिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन में शांति स्थापना प्रयासों पर चर्चा अभी समय से पहले ही हो जानी चाहिए तथा औपचारिक शांति समझौते पर पहुंचने के बाद ही इस पर चर्चा होनी चाहिए।
ग्रुश्को ने इस बात पर जोर दिया कि शांति स्थापना अभियानों में नाटो की भागीदारी मूल रूप से विरोधाभासी है।
उन्होंने कहा, “नाटो और शांति स्थापना पूरी तरह से असंगत हैं। गठबंधन का वास्तविक इतिहास सैन्य अभियानों और अपने वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभुत्व को स्थापित करने के लिए अकारण आक्रामकता से बना है।”
उन्होंने रूस के इस रुख की पुष्टि की कि यूक्रेन में नाटो बलों की तैनाती चाहे यूरोपीय संघ, नाटो या व्यक्तिगत राष्ट्रीय बलों के बैनर तले हो - प्रभावी रूप से उन्हें संघर्ष क्षेत्र में डाल देगी, जिससे वे सभी परिणामों के साथ प्रत्यक्ष भागीदार बन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि संभावित विकल्प के रूप में एक निहत्थे पर्यवेक्षक मिशन या नागरिक निगरानी समूह को संभावित शांति समझौते के कुछ पहलुओं की निगरानी के लिए विचार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “ऐसा मिशन विशिष्ट प्रावधानों के अनुपालन को सुनिश्चित कर सकता है और व्यापक गारंटी तंत्र के हिस्से के रूप में काम कर सकता है।”